अधूरे जज़्बात भाग :- १३ " सच और झूठ का कारण "
भाग :- १३
अरण्या की आश्चर्य से भरी ऑंखो में छुपे सवालों का जवाब देते हुए सुजाॅय ने कहना शुरू किया :-
सच और झूठ बोलने के पीछे असली मुद्दा इरादों का है । अगर किसी ने हमसे झूठ बोला है तो उसे गुनहगार साबित करने से पहले हमारे लिए यह जानना बहुत जरूरी होता है कि उस शख्स के झूठ बोलने के पीछे उसका मकसद क्या था या क्या है ? मैंने किताबों में पढ़ा था कि अगर झूठ बोलने के पीछे इंसान का इरादा नेक हो तो वह सच से कहीं ज्यादा अच्छा होता है लेकिन जब किसी को दुख पहुॅंचाने के मकसद से सच बोला जाए तो वह एक सच , सौ झूठ से भी ज्यादा खतरनाक होता है । मैं आपकी नेकदिली से पहले ही वाकिफ हों चुका था इसलिए मेरे अंतर्मन ने मुझसे कहा कि पारिवारिक और सामाजिक जीवन में हम एक साथ कई रिश्तों को जी रहे होते हैं और किसी भी रिश्ते को प्यार के साथ निभाने के लिए हमें कभी न कभी झूठ का सहारा लेना ही पडता है । मेरे अंतर्मन की आवाज ने कहा कि हों सकता है ! आप भी ऐसे ही रिश्तों को निभाने की कोशिश कर रही हों और साथ ही मुझे आप पर पूर्ण विश्वास था कि एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब आप खुद मुझे इस झूठ के पीछे छुपे कारण को बताएंगी और सच पर से पर्दा अवश्य उठाएंगी और आज मेरे विश्वास की जीत हुई है , आज आप खुद ही मुझे इस झूठ के पीछे की वजह बताने आई है ।"
अरण्या बहुत ही ध्यान से सुजाॅय द्वारा कही बातें को सुन रही थी । सुजाॅय की बातें खत्म होते ही अरण्या ने कहा :- " मैंने भी पढ़ा था । जिस झूठ से किसी का भला हो, वह झूठ , झूठ नहीं होता हैं और यहाॅं तों शिविका के साथ - साथ मेरा भी तों भला हो रहा था । छः महीने पहले तक शिविका की पहचान एक बहुत बड़े बिजनेसमैन की बेटी के सिवा कुछ नहीं थी । उसकी योग्यता देख जब से उसे काॅलेज मंत्री बनाया गया है तब से आज तक उसके आत्मविश्वास में निरंतर वृद्धि होती ही जा रही है । उसके अंदर अपनी पहचान बनाने की ललक , शादी करने की इच्छा से अधिक हैं । अभी कुछ सालों तक जब तक कि वह अपनी पहचान नहीं बना लेती वह आपसे ही क्या ? किसी और से भी शादी नहीं करना चाहती है । ऐसे में उसने मुझे अपने स्थान पर इसलिए भेज दिया ताकि आप इस शादी के लिए ना कर दें । मुझे भी मेरे अपने सपने को पूरा करने के लिए पैसों की जरूरत थी इसलिए मैंने भी उसे यहाॅं आपसे मिलने की हाॅं कर दी ताकि मुझे विदेश जाकर डाॅक्टरी की पढ़ाई करने का मौका मिल सकें।"
सुजाॅय भी अरण्या की बातों को गौर से सुन रहा था । अरण्या की बातें सुनकर उसने कुछ नहीं कहा क्योंकि वह जानता था कि अरण्या आज चुप नहीं रहने वाली ।
गहरी सांस लें और कुछ घूंट पानी पीने के बाद अरण्या ने फिर से कहना शुरू किया :- " यदि कभी भी हमारे सामने ऐसी दुविधा की स्थिति आएं कि न चाहते हुए भी हमें झूठ बोलना पड़े तो ऐसे में हमें अपने अंतर्मन के आईने में झांक कर स्वयं से यह सवाल जरूर पूछना चाहिए कि कहीं मैं गलत तो नहीं कर रही ? हम किसी के सामने झूठ को सच बनाकर कितनी ही अच्छी तरह ना परोस दें, सामने वाला हमारे झूठ पर ऑंख मूंदकर विश्वास ही क्यों ना कर ले परन्तु हमारी अंतरात्मा कभी भी किसी भी गलती में हमारा साथ नहीं देती । वह हमें धिक्कारने लगती हैं । मेरी भी अंतरात्मा पिछले कई दिनों से मुझे धिक्कार रही थी इसलिए मैंने अपने अंतर्मन की आवाज सुनी और आपको सच से अवगत कराने का निश्चय कर लिया । मैंने आपको मेरे कल झूठ बोलने का कारण और आज सच बोलने के कारण से भली-भांति परिचित करा दिया हैं और आशा करती हूॅं कि आप मुझे समझने का प्रयास करते हुए माफ़ कर देंगे ।
' मैं आपको माफ़ सिर्फ एक शर्त पर करूंगा ।' सुजाॅय ने अरण्या की तरफ गुस्से से देखते हुए कहा ।
सुजाॅय की बड़ी - बड़ी ऑंखों को अरण्या ने पहली बार गौर से देखा था । उन बड़ी - बड़ी ऑंखों में गुस्से की जगह कुछ ऐसे भी सवाल थें जिनके जवाब अरण्या जानते - समझाते हुए भी नहीं देना चाहती थी क्योंकि इन सवालों का कोई भी भविष्य नहीं था , भविष्य विहीन सवालों के लिए अरण्या की जिंदगी में कोई स्थान नहीं था ।
सुजाॅय के ऑंखें में तैर रहे सवालों को समझकर भी अरण्या अनजान बनी रही । ऊपरी और दिखावटी गुस्से पर आश्चर्य प्रकट करते हुए अरण्या ने कहा :-
" कौन सी शर्त ? " ।
' वही शर्त जिसे मैंने पहले दिन ही आपसे कही थी ।' सुजाॅय ने कहा ।
' पहली डेट पर आपने क्या कहा था मुझे याद नहीं ।'
सुजाॅय की तरफ देखते हुए अरण्या ने कहा ।
' आपकी याददाश्त बहुत कमजोर है । आज से ही बादाम खाना शुरू कर दीजिए मिस अरण्या ।'
सुजाॅय ने अरण्या की तरफ देखते हुए कहा ।
क्रमशः
" गुॅंजन कमल " 💓💞💗
Seema Priyadarshini sahay
06-Dec-2021 06:08 PM
बहुत रोचक कहानी
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Chirag chirag
02-Dec-2021 09:16 PM
Nice story
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Naymat khan
30-Nov-2021 01:31 AM
Amazing
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